जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे तव शुभ आशिष मागे गाहे तव जय गाथा जन गण मंगल दायक जय हे भारत भाग्य विधाता जय हे जय हे जय हे जय जय जय जय हे | ||||
अहरह तव आह्वान प्रचारित शुनि तव उदार वाणी हिन्दु बौद्ध शिख जैन पारसिक मुसलमान खृष्टानी पूरब पश्चिम आशे तव सिंहासन पाशे प्रेमहार हय गाँथा जन गण ऐक्य विधायक जय हे भारत भाग्य विधाता जय हे जय हे जय हे जय जय जय जय हे | ||||
पतन-अभ्युदय-बन्धुर-पंथा युगयुग धावित यात्री, हे चिर-सारथी, तव रथचक्रे मुखरित पथ दिन-रात्रि दारुण विप्लव-माझे तव शंखध्वनि बाजे, संकट-दुख-त्राता, जन-गण-पथ-परिचायक जय हे भारत-भाग्य-विधाता, जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय ह
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Wednesday, 6 April 2016
sampurn janganman
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